1200 Cr. Rupees का Fake Crypto Currency Scam | Morris Coin Ghotala

साल 2020 में कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लगा था, तभी फर्जी 1200 Cr. Rupees का Fake Crypto Currency Scam के लिए इनिशियल कॉइन ऑफरिंग (ICO) का खेल शुरू किया गया था।

बिटकॉइन (Bitcoin) शायद नाम तो आपने सुना ही होगा। दुनिया भर में इसकी जैसी Crypto Currency की लोकप्रियता चरम पर है लेकिन अब धीरे-धीरे ठग लोगों को चूना लगाने का काम भी कर रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मुताबिक, केरल के एक शख्स ने आईपीओ (IPO) की तर्ज पर गैर-मौजूद Fake Crypto में पैसे निवेश कराए और करीब 900 लोगों को 1200 करोड़ रुपयों की चपत लगा दी।

1200 Cr. Rupees का Fake Crypto Currency Scam | Morris Coin

द इंडियन एक्सप्रेस ने ईडी के अधिकारियों के हवाले से बताया कि इस स्कैम के मास्टरमाइंड ने Fake Crypto के लिए इनिशियल कॉइन ऑफरिंग (ICO) का खेल तब शुरू किया, जब साल 2020 में कोरोना महामारी के कारण देश में लॉकडाउन लगा था। इस घोटाले से जुड़े निवेशकों ने कोयंबटूर के Crypto Currency एक्सचेंज फ्रेंक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कथित क्रिप्टो करेंसी ‘Morris Coin’ को खरीदा था।

आखिर कैसे किया गया पूरा स्कैम

मामले में अधिकारियों ने कहा कि, इस फर्जी करेंसी का लॉक-इन-पीरियड 300 दिन का था और 10 मॉरिस कॉइन ( Morris Coin) की कीमत करीब 15 हजार के करीब थी। ₹15,000 के निवेश पर एक दिन में 3% तक का चौंका देने वाला रिटर्न दिया गया है। इस पूरे स्कैम को अंजाम देने वाले ने निवेशकों को एक ई-वॉलेट उपलब्ध कराया था और कहा था कि जैसे ही एक्सचेंज ट्रेंड करेगा इसकी कीमतों में भारी उछाल आएगा। लेकिन इस फर्जी करेंसी के प्रमोटर्स ने सारे पैसों का गबन कर लिया और इन पैसों को कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु सहित कई जगहों पर अवैध रूप से अचल संपत्तियों में खपा दिया।

सोशल मीडिया के जरिए निवेशकों को किया आकर्षित

बिना सोचे-समझे निवेशकों को व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से आकर्षक योजनाओं में निवेश करने का लालच दिया गया, जहां उन्हें प्रमोटरों द्वारा प्रदान किए गए क्रिप्टो वॉलेट में एजेंटों के माध्यम से ₹15,000 का निवेश करने पर 300 दिनों के लिए हर दिन ₹270 और ₹1,500 मूल्य के 15 मॉरिस कॉइन क्रिप्टोकरेंसी की पेशकश की गई।

मॉरिस कॉइन में लोगों को निवेश करने के लिए एजेंटों को कथित तौर पर कमीशन का 10-30% दिया गया था।

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सेलेब्रिटीज प्रमोशन के लिए पहुंचे

आरोपी निषाद ने मशहूर हस्तियों की उपस्थिति में कई प्रचार कार्यक्रम आयोजित करके, आकर्षक वेबसाइटों से निवेशकों को परिचित कराकर और YouTube पर लोगों से अधिक से अधिक निवेश करने का आग्रह करके योजना को सावधानीपूर्वक अंजाम दिया।

फिल्म एक्टर भी ईडी की रडार पर

इस मामले में जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु में इस स्कैम से जुड़ी सभी जगहों पर छापेमारी की है। इनमें बेंगलुरु स्थित Long Rich Global, Long Rich Technologies, and Morris Trading Solutions सहित कई अन्य कंपनियों के नाम शामिल हैं। वहीं इन कंपनियों में मलयाली फिल्मों के एक्टर Unni Mukundan की कंपनी नेक्सटेल ग्रुप और Unni Mukundan Films का नाम भी शामिल है।

एक्टर ने दी मामले में सफाई

वहीं मीडिया से हुई बातचीत में अभिनेता का कहना है कि जांच एजेंसी की तलाशी प्रक्रिया में मुझसे जुड़ी एक फिल्म प्रोडक्शन कंपनी का नाम भी शामिल है। ऐसे में ईडी के अफसरो ने कंपनी के पैसों के सोर्स को लेकर जो भी जानकारी हमसे मांगी थी वह हमने उन्हें उपलब्ध करा दी है।

1200 Cr. Rupees का Fake Crypto Currency Scam | Morris Coin
Malayalam Actor UNNI MUKUNDAN

केरल का रहने वाला है मास्टरमाइंड

प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुसार, मामले का मास्टरमाइंड निशाद (31) केरल के मल्लापुरम जिले का रहने वाला है। ईडी के अधिकारियों ने दावा किया है कि एक्टर उन्नी मुकुंदन और निशाद एक दूसरे से जुड़े हैं, लेकिन अभी तक इसका खुलासा नहीं हो पाया है। वहीं धोखाधड़ी के मामलों में मल्लापुरम व कन्नूर पुलिस ने मास्टरमाइंड निशाद के अलावा कुछ अन्य लोगों पर भी मामले दर्ज किये थे, लेकिन बाद में ईडी ने ये मामला अपने हाथ में ले लिया था।

ऐसे लुभाया था निवेशकों को

ईडी के अनुसार, बेंगलुरु स्थित लॉन्ग रिच टेक्नोलॉजी, लॉन्ग रिच ग्लोबल और लॉन्ग रिच ट्रेडिंग ने शुरू में निवेशकों को बताया था कि उनके पास एक ऑनलाइन एजुकेशन एप है। फिर ‘मॉरिस कॉइन’ की नाम की फर्जी करेंसी के नाम पर ढेर सारे रुपयों का निवेश कराया, लेकिन पैसे लगाने वालों को जब मुनाफा नहीं हुआ तो लोगों ने केस दर्ज करा दिए। उन्होंने निवेशकों को यह भी बताया कि उनके इस काम में बड़े-बड़े हस्तियों का भी साथ है। हालांकि बाद में केरल हाईकोर्ट से पुलिस केसों में अग्रिम जमानत मिलने के बाद निशाद विदेश भाग गया।


आरोपी गिरफ्तार

धोखाधड़ी करने वाले निवेशकों द्वारा दर्ज की गई कई एफआईआर के आधार पर, ईडी ने मुख्य आरोपी निषाद के को गिरफ्तार किया और धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत ₹14 करोड़ की संपत्ति कुर्क की।

संलग्न संपत्तियों में मै M/s Flywithme Mobile LLP (आरोपी निषाद और हसीफ के के स्वामित्व वाली एक फर्म) के बैंक खातों में शेष राशि और अपराध की आय से खरीदी गई निषाद के के सहयोगियों की अचल संपत्तियां शामिल हैं।

ईडी ने कोच्चि के एक अस्पताल के बैंक खातों और तमिलनाडु में 52 एकड़ कृषि भूमि को भी कुर्क किया है।

Stoxglobal Brokers Pvt Ltd के एमडी अब्दुल गफूर को ईडी ने इस साल की शुरुआत में 24 मार्च को हिरासत में लिया था। इस साल 21 मई को कोझिकोड की विशेष अदालत PMLA के समक्ष छह आरोपियों के खिलाफ अभियोजन का मामला भी दायर किया गया था।

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