मामला UPA-2 के दौरान VVIP हेलिकॉप्टर की खरीद से जुड़ा है। ये हेलिकॉप्टर्स प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री जैसे अतिविशिष्ट लोगों के आवागमन के लिए इस्तेमाल होने के उद्देश्य से खरीदे गए। भारत ने 12 Agusta Westland हेलिकॉप्टर्स खरीदने के लिए 3,700+ करोड़ रुपये का सौदा किया था। यहाँ से शुरू होता है Agusta Westland Chopper Scam
Agusta Westland VVIP Chopper scam क्या है?
मामला UPA-2 के दौरान VVIP हेलिकॉप्टर की खरीद से जुड़ा है। ये हेलिकॉप्टर्स प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री जैसे अतिविशिष्ट लोगों के आवागमन के लिए इस्तेमाल होने के उद्देश्य से खरीदे गए। भारत ने 12 Agusta Westland हेलिकॉप्टर्स खरीदने के लिए 3,700+ करोड़ रुपये का सौदा किया था। आरोप है कि सौदा कंपनी के पक्ष में हो, इसके लिए 'बिचौलियों' को घूस दी गई जिनमें राजनेता और अधिकारी भी शामिल थे। आरोप है कि कई नियमों से छेड़छाड़ कर कंपनी का रास्ता साफ किया गया। CBI सौदे को Agusta Westland के पक्ष में करने की खातिर दिए गए रुपयों के लेनदेन की जांच कर रही है।
क्या हैं इस Agusta Westland Chopper की खूबियां
- सबसे बड़ा केबिन 2.49 मीटर चौड़ा, 1.83 मीटर ऊंचा (8.3 फ़ीट चौड़ा, 6.1 फ़ीट ऊंचा)- अधिकतम वज़न 15,600 किलो
- क्षमता: दो पायलट, 30 यात्री
- 03 ताक़तवर इंजन
- 03 स्वतंत्र हाइड्रॉलिक सिस्टम
- हवा में ईंधन भरने की क्षमता
- अधिकतम रफ़्तार 278 किलोमीटर प्रति घंटा
- दोनों तरफ़ मशीनगनें फ़िट करने और बॉडी को बुलेटप्रूफ़ बनाने की सुविधा
Agusta Westland Chopper Scam में दी गई रिपोर्ट
Finmeccanica Agusta Westland की मूल कंपनी है, जिसके साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। जांच द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार, यह कहता है कि तीन व्यक्तियों ने Scam में एक प्रमुख भूमिका निभाई और वे सभी तत्कालीन वायु सेना के प्रमुख शशि त्यागी के बहुत करीबी जुड़ाव में थे। उनके सभी साधनों से उन्होंने Agusta Westland के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए निविदा में नियमों को झुकाया। इस प्रकार CBI की जांच के बाद उन्होंने पूर्व IAF प्रमुख और 12 अन्य लोगों के खिलाफ चार्ज शीट दायर की, जिन्हें हेलीकॉप्टर सौदे में धोखा देने और कानून तोड़ने के लिए दावा किया गया था। FIR 13 मार्च, 2013 को दायर किया गया था। CBI का दावा है कि वायु सेना के प्रमुख शशि त्यागी CHOPPER SCAM में मुख्य अभियुक्त हैं और भ्रष्टाचार या आपराधिक मामले में नामित किए गए हैं। FIR के बयान के अनुसार, अन्य व्यक्तियों के नाम जो Scam में शामिल थे, वे पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष बाग्रोडिया के भाई, सतीश बाग्रोडिया और प्रताप अग्रवाल, मामले में IDS InfoTech के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे। रक्षा लोगों के अलावा बहुत से अन्य भारतीय राजनेता हैं, जिन पर CHOPPER SCAM में रिश्वत प्राप्त करने का आरोप है, जिसमें 12 Agusta Westland AW101 हेलीकॉप्टरों की खरीदारी शामिल है।ये भी पढ़ें – Patra Chawl Land Scam in Hindi | पतरा चॉल घोटाला
Agusta Westland VVIP CHOPPER SCAM में सामेल लोग
तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने बहुत स्पष्ट रूप से और दृढ़ता से घोषित किया कि Agusta Westland द्वारा हेलीकॉप्टरों की उक्त संख्या को वितरित करने के सौदे को तोड़ने के लिए मंत्रियों और सैन्य अधिकारियों द्वारा बहुत पैसा लिया गया है। CBI Scam के पीछे प्रमुखों को अनियंत्रित करने के प्रयास के साथ काम कर रहा है। हालांकि कुछ लोगों की गिरफ्तारी केवल तभी की गई थी जब भारत के तत्कालीन रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी द्वारा हेलीकॉप्टर सौदे में Scam के बारे में खबर का खुलासा किया गया था। एक बार Scam की खबर का खुलासा करने के बाद, CBI मामले में गहराई से आ गया और Scam के पीछे गांठें खोलना शुरू कर दिया। CBI ने 2013 में 25 फरवरी को पहली पूर्ववर्ती जांच की। इस जांच के परिणाम में हेलीकॉप्टर के रिश्वत में शामिल 11 व्यक्तियों की सूची पर संदेह था, जहां मुख्य अभियुक्त एस। पी। त्यागी, भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख थे अपने कुछ चचेरे भाई के साथ और चार कंपनियों की भागीदारी के नाम के साथ। अंत में पहली घटना रिपोर्ट निम्नलिखित लोगों और चार अलग -अलग फर्मों के खिलाफ दायर की गई थी। वे भारतीय वायु सेना के पूर्व एयर चीफ मार्शल के एसपी त्यागी हैं, उनके तीन भाइयों का नाम डोकसा, जूली और संदीप, पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष बाग्रोडिया के भाई सतीश बाग्रोडिया, प्रबंध निदेशक और IDS InfoTech, प्रताप अग्रवाल के अध्यक्ष हैं।Agusta Westland Chopper Scam : पूरी टाइमलाइन
अगस्त 1999 : अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान VVIPs के लिए भारतीय वायुसेना के MI-8 हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल होता था। इन हेलिकॉप्टर्स की तकनीक पुरानी हो चुकी थी, इसलिए वायुसेना ने MI-8 CHOPPER बदलने का सुझाव दिया।मार्च 2002 : नए हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए दुनियाभर की कंपनियों को बोली लगाने के लिए आमंत्रित किया गया। उस समय 4 वेंडर्स ने इस टेंडर में रुचि दिखाई। इसमें यूरोकॉप्टर EC-225 सबसे आगे नजर आ रहा था, क्योंकि यह 6000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता था।
नवंबर-दिसंबर 2003 : तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बृजेश मिश्रा ने 'सिंगल वेंडर' से बचने के लिए रक्षा मंत्रालय और वायुसेना को अपनी तकनीकी शर्तों में बदलाव करने के लिए कहा। इस दौरान इस डील पर ज्यादा उत्साह से काम नहीं हुआ और 2004 में अटल सरकार चली गई। डॉ. मनमोहन सिंह नए प्रधानमंत्री बने।
मार्च 2005 : UPA-1 सरकार ने नए हेलिकॉप्टर खरीदने की कवायद शुरू की। ज्यादा दावेदारों से बोली लगवाने के लिए नए हेलिकॉप्टर्स की तकनीकी शर्तों में बदलाव किया गया। 2005 में ही मनमोहन सरकार ने इस डील में इंटीग्रिटी क्लॉज़ डाला, जिसके मुताबिक अगर किसी डिफेंड डील में कोई दलाल शामिल पाया गया, तो डील रद्द कर दी जाएगी। इसी शर्त की वजह से बाद में Agusta Westland डील विवाद की वजह बन गई। इस दौरान प्रणब मुखर्जी रक्षामंत्री और एसपी त्यागी वायुसेना प्रमुख थे।
सितंबर 2006 : 12 VVIP CHOPPER खरीदने के लिए नया टेंडर जारी हुआ, जिसके लिए तीन कंपनियों- AW-101 (ब्रिटेन), S-92 (अमेरिका) और Mi-172 (रूस) ने आवेदन किया। रूसी कंपनी का आवेदन शुरुआती दौर में ही खारिज हो गया। अक्टूबर 2006 से मार्च 2007 के बीच एके एंटनी रक्षामंत्री बन गए और त्यागी वायुसेना प्रमुख के पद से रिटायर हो गए।
2008 : वायुसेना ने टेंडर में आवेदन करने वाली कंपनी के CHOPPER का फील्ड ट्रायल लिया। फिर वायुसेना ने ही अमेरिकी कंपनी सिकोर्सिकी एयरक्राफ्ट के S-92 के बजाय ब्रिटिश कंपनी Agusta Westland के AW-101 हेलिकॉप्टर को तरजीह दी।
फरवरी 2010 : UPA-2 सरकार के दौरान प्रणब मुखर्जी के वित्तमंत्री रहते कैबिनेट कमिटी 12 हेलिकॉप्टर खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी देती है। इसका ठेका तब 556 मिलियन यूरो यानी करीब 3,546 करोड़ रुपए में Agusta Westland को दिया गया। Agusta Westland का हेडक्वॉर्टर ब्रिटेन में है, जबकि इसकी पैरंट कंपनी Finmeccanica का हेडक्वॉर्टर इटली में है।
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फरवरी 2012 : इटली की जांच एजेंसियों ने इस डील में दलाली की बात कही। इटली की एजेंसियों के मुताबिक Finmeccanica ने यह ठेका हासिल करने के लिए भारत के कुछ नेताओं और वायुसेना के कुछ अधिकारियों को 360 करोड़ रुपए की रिश्वत दी। इटली की एजेंसियों ने इस डील में तीन दलालों- क्रिश्चियन मिशेल, गुइदो हाश्के और कार्लो गेरोसा के शामिल होने की बात कही। ये आरोप लगते-लगते भारत को 12 में से 3 AW-101 मिल चुके थे, लेकिन इनका इस्तेमाल नहीं हो सका था।
फरवरी 2013 : इटली की कोर्ट में यह डील घिर गई और Finmeccanica के CEO Orsi और Agusta Westland के चीफ Bruno Spagnolini को इटली में गिरफ्तार कर लिया गया। इधर भारत में UPA-2 सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गई। रक्षा मंत्रालय ने Agusta Westland को होने वाले सभी भुगतान रोक दिए।
फरवरी 2012 : इटली की जांच एजेंसियों ने इस डील में दलाली की बात कही। इटली की एजेंसियों के मुताबिक Finmeccanica ने यह ठेका हासिल करने के लिए भारत के कुछ नेताओं और वायुसेना के कुछ अधिकारियों को 360 करोड़ रुपए की रिश्वत दी। इटली की एजेंसियों ने इस डील में तीन दलालों- क्रिश्चियन मिशेल, गुइदो हाश्के और कार्लो गेरोसा के शामिल होने की बात कही। ये आरोप लगते-लगते भारत को 12 में से 3 AW-101 मिल चुके थे, लेकिन इनका इस्तेमाल नहीं हो सका था।
क्रिश्चियन मिशेल
फरवरी 2013 : इटली की कोर्ट में यह डील घिर गई और Finmeccanica के CEO Orsi और Agusta Westland के चीफ Bruno Spagnolini को इटली में गिरफ्तार कर लिया गया। इधर भारत में UPA-2 सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गई। रक्षा मंत्रालय ने Agusta Westland को होने वाले सभी भुगतान रोक दिए।
मार्च 2013 : भारत में इस डील की जांच CBI को सौंप दी गई। CBI ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी, उनके तीन भाइयों, Orsi और स्पैग्नोलिनी समेत नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। हालांकि, इस समय तक इस डील में किसी नेता या अधिकारी का नाम सामने नहीं आया था।
इटली की कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान भारत के कई नेताओं के नाम इस डील में आए। आरोप लगा कि ये नेता डील के लिए ली-दी गई रिश्वतबाज़ी में शामिल थे। कोर्ट में जो डॉक्युमेंट्स पेश किए गए, उनमें एक नाम सिग्नोरा गांधी भी है। सियासी गलियारों में माना गया कि यह नाम सोनिया गांधी के लिए इस्तेमाल किया गया है। सोनिया गांधी के अलावा इस डील में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, अहमद पटेल, प्रणब मुखर्जी, वीरप्पा मोइली, केएम नारायणन और ऑस्कर फर्नांडिस का भी नाम आया।
अप्रैल 2013 : रक्षामंत्री एके एंटनी ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि Agusta Westland को भारतीय सेनाओं को हथियार बेचने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। उनके मुताबिक नौसेना के लिए खरीदे जाने वाले हल्के हेलिकॉप्टर्स के टेंडर भी Agusta Westland कंपनी ने भरे हैं। ये टेंडर अगस्त 2012 में जारी किए गए थे। एंटनी के मुताबिक Agusta Westland ने इंडियन नेवी के लिए 56 यूटिलिटी हेलिकॉप्टर के टेंडर तब भरे थे, जब CBI ने VVIP हेलिकॉप्टर डील की जांच शुरू नहीं की थी।
अक्टूबर 2013 : रक्षा मंत्रालय ने Agusta Westland को आखिरी कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें कंपनी से पूछा गया कि लिकॉप्टर सौदे के तहत किए गए ईमानदारी बरतने का वादा तोड़ने के आरोप में क्यों नहीं पूरा सौदा रद्द कर दिया जाए?
जनवरी 2014 : लोकसभा चुनाव से कुछ वक्त पहले ही UPA-2 सरकार ने Agusta Westland के साथ यह डील रद्द कर दी। जो पेमेंट पहले ही किया जा चुका था, उसे कवर करने के लिए Agusta Westland द्वारा दाखिल की गई अडवांस बैंक गैरंटी को भुनाया गया। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि सौदा करने के साथ इसकी सभी शर्तों को पूरा करने की गारंटी देने के लिए कंपनी ने 1,700 करोड़ रुपए की बैंक गैरंटी दी थी। यह पैसा भारत और इंटरनेशनल बैंकों में जमा था। रक्षा मंत्रालय ने डील के लिए 30% रकम अडवांस जमा की थी।
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Agusta Westland Chopper Scam के बाद क्या हुआ?
फरवरी 2014 : Agusta Westland को भारतीय कोस्ट गार्ड के लिए हेलिकॉप्टर्स के टेंडर से बाहर कर दिया गया। मीडियम भार वाले 14 हेलिकॉप्टर्स का यह सौदा करीब 1,000 करोड़ रुपए का था, जिसके लिए Agusta Westland ने अपना EC-725 हेलिकॉप्टर पेश किया था।जून 2014 : CBI ने इस डील में रिश्वत के आरोप की जांच के सिलसिले में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन गवर्नर एमके नारायणन से बतौर गवाह पूछताछ की। नारायणन उस ग्रुप में शामिल थे, जिसने हेलिकॉप्टर खरीदने से पहले टेंडर प्रॉसेस देखा था। नारायणन 2005 में उस मीटिंग में भी शामिल थे, जिसमें हेलिकॉप्टर की टेक्निकल शर्तों में बड़े बदलावों की इजाज़त दी गई।
अक्टूबर 2014 : इटली की निचली अदालत ने Orsi और स्पैग्नोलिनी को हेराफेरी के लिए दो साल की सजा सुनाई और उन पर भ्रष्टाचार के आरोप माफ कर दिए।
फरवरी 2016 : 'दि टेलिग्राफ' में छपी खबर के मुताबिक क्रिश्चियन मिशेल ने आरोप लगाया कि सितंबर 2015 में न्यू यॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान पीएम मोदी ने इटली के प्रधानमंत्री मैटेयो रेंजी के साथ मुलाकात में नौसैनिकों को रिहा करने के बदले गांधी परिवार के खिलाफ Agusta Westland मामले में सबूत मांगे थे। विदेश मंत्रालय ने इस आरोप को बकवास बताया।
अप्रैल 2016 : इटली मिलान कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया और Agusta Westland और Finmeccanica के प्रमुखों को भ्रष्टाचार का दोषी मानती है। मिलान कोर्ट ने Orci को साढ़े चार साल और स्पैग्नोलिनी को चार साल का सज़ा सुनाती है। इधर भारत की पिछली UPA-2 सरकार ने इटली के प्रॉसिक्यूटर्स को पर्याप्त सबूत और अहम दस्तावेज नहीं दिए। पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी को भी भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया।
जून 2016 : प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में एक नई चार्जशीट दायर की, जो ब्रिटिश नागरिक और कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स और उसके कुछ भारतीय सहयोगियों की भूमिका से संबंधित थी। इसमें ED ने आरोप लगाया कि मिशेल ने Agusta Westland से 225 करोड़ रुपए हासिल किए थे, जो असल में रिश्वत थी।
दिसंबर 2016 : राजस्थान की भाजपा सरकार सिर्फ Agusta Westland से हेलिकॉप्टर खरीदने का टेंडर देकर विवादों में आ गई। इस सरकार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए हेलिकॉप्टर खरीदने के मकसद से 21 नवंबर को एक टेंडर जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि सरकार केवल Agusta Westland का AW 169 हेलिकॉप्टर चाहती है। इसी बीच पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी ने सोनिया गांधी का बचाव करते हुए कहा कि इस डील में सोनिया गांधी की कोई भूमिका नहीं है।
फरवरी 2017 में मिशेल को UAE में गिरफ्तार कर लिया गया।
सितंबर 2017 : CBI ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और 9 अन्य लोगों के खिलाफ 30 हज़ार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। त्यागी को दिसंबर में ही अरेस्ट कर लिया गया था, लेकिन चार्जशीट दाखिल न होने की वजह से उन्हें ज़मानत मिल गई थी। CBI ने पहली बार दावा किया कि त्यागी ने अन्य के साथ मिलकर Agusta Westland को डील दिलवाने के लिए घूस ली थी। CBI के मुताबिक त्यागी ने दलाल के ज़रिए कंपनी से घूस लेकर कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव किया था। उन्होंने फ्लाइट की सीलिंग को वास्तविक 6 हजार मीटर से घटाकर 4500 मीटर कर दिया था। साथ ही, कैबिन की ऊंचाई भी घटाकर 1.8 मीटर कर दी थी। ये बदलाव Agusta Westland को डील दिलाने के लिए किए गए थे।
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अक्टूबर 2017 : CBI ने बताया कि दो या दो से ज़्यादा इंजन वाले हेलिकॉप्टर्स की ही बोली लगाई जा सकती थी। एक इंजन वाले हेलिकॉप्टर नीलामी के योग्य नहीं थे, इसलिए जानबूझकर दो इंजन से ठीक पहले कम से कम जोड़ा गया था। ऐसे में धोखे से EH-101 (जिसे बाद में AW-101 कहा जाता है) बोली के योग्य बना दिया गया। CBI ने बताया कि अगस्ता डील के दौरान मिशेल 25 बार भारत आया। वह दिल्ली और बेंगलुरु में रुका था।
अक्टूबर 2017 : अटल सरकार के दौरान NDA के सहयोगी दल समता पार्टी की नेता रहीं जया जेटली ने दावा किया कि अटल के प्रधानमंत्री रहते मिशेल अगस्ता डील के लिए लॉबिंग कर रहा था और उसने उन्हें ढेर सारा पैसा कमाने का ऑफर दिया था। जेटली के मुताबिक उन्होंने मई 1999 में मिशेल से मुलाकात की थी, जिस समय जॉर्ज फर्नांडिस रक्षामंत्री थे।
नवंबर 2017 : सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार से अगस्ता डील से जुड़ी ऑरिजिनल फाइल पेश करने को कहा। छत्तीसगढ़ सरकार ने 2006-07 में VVIP इस्तेमाल के लिए यह डील की थी।
जनवरी 2018 में इटली की कोर्ट ने एसपी त्यागी को घूस लेने के मामले में क्लीन चिट दे दी।
सितंबर 2018 : दुबई की एक कोर्ट ने मिशेल को भारत को प्रत्यर्पित करने की इजाजत दे दी। इस बीच यह बात भी सामने आई कि मिशेल अगस्ता डील से पहले भी भारत के रक्षा सौदों में दलाल के तौर पर शामिल रहा है। मिशेल ने खुद माना कि वह फ्रांस के मिराज जेट की खरीदारी में कमीशन एजेंट रहा था और इटली की कंपनियों ने उसे भारत में 'कामकाज' कराने के लिए 4.86 करोड़ डॉलर का भुगतान किया था।
दिसंबर 2018 : मिशेल को भारत लाया गया।
जनवरी 2019 : राजीव सक्सेना और दीपक तलवार को दुबई से प्रत्यर्पित किया गया।
CBI के अनुसार, सौदेबाजी में अनियमितताओं के चलते सरकार को 556.26 मिलियन यूरो (3,726.9 करोड़ रुपये) के सौदे में 398.21 मिलियन यूरो (2,666 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ।
अक्टूबर 2017 : CBI ने बताया कि दो या दो से ज़्यादा इंजन वाले हेलिकॉप्टर्स की ही बोली लगाई जा सकती थी। एक इंजन वाले हेलिकॉप्टर नीलामी के योग्य नहीं थे, इसलिए जानबूझकर दो इंजन से ठीक पहले कम से कम जोड़ा गया था। ऐसे में धोखे से EH-101 (जिसे बाद में AW-101 कहा जाता है) बोली के योग्य बना दिया गया। CBI ने बताया कि अगस्ता डील के दौरान मिशेल 25 बार भारत आया। वह दिल्ली और बेंगलुरु में रुका था।
अक्टूबर 2017 : अटल सरकार के दौरान NDA के सहयोगी दल समता पार्टी की नेता रहीं जया जेटली ने दावा किया कि अटल के प्रधानमंत्री रहते मिशेल अगस्ता डील के लिए लॉबिंग कर रहा था और उसने उन्हें ढेर सारा पैसा कमाने का ऑफर दिया था। जेटली के मुताबिक उन्होंने मई 1999 में मिशेल से मुलाकात की थी, जिस समय जॉर्ज फर्नांडिस रक्षामंत्री थे।
नवंबर 2017 : सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार से अगस्ता डील से जुड़ी ऑरिजिनल फाइल पेश करने को कहा। छत्तीसगढ़ सरकार ने 2006-07 में VVIP इस्तेमाल के लिए यह डील की थी।
जनवरी 2018 में इटली की कोर्ट ने एसपी त्यागी को घूस लेने के मामले में क्लीन चिट दे दी।
सितंबर 2018 : दुबई की एक कोर्ट ने मिशेल को भारत को प्रत्यर्पित करने की इजाजत दे दी। इस बीच यह बात भी सामने आई कि मिशेल अगस्ता डील से पहले भी भारत के रक्षा सौदों में दलाल के तौर पर शामिल रहा है। मिशेल ने खुद माना कि वह फ्रांस के मिराज जेट की खरीदारी में कमीशन एजेंट रहा था और इटली की कंपनियों ने उसे भारत में 'कामकाज' कराने के लिए 4.86 करोड़ डॉलर का भुगतान किया था।
दिसंबर 2018 : मिशेल को भारत लाया गया।
जनवरी 2019 : राजीव सक्सेना और दीपक तलवार को दुबई से प्रत्यर्पित किया गया।
CBI के अनुसार, सौदेबाजी में अनियमितताओं के चलते सरकार को 556.26 मिलियन यूरो (3,726.9 करोड़ रुपये) के सौदे में 398.21 मिलियन यूरो (2,666 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ।
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Disclaimer :
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