Patra Chawl Land Scam in Hindi | पतरा चॉल घोटाला | Patra Chawl Ghotala

मुंबई (Mumbai) के गोरगांव स्थित पतरा चॉल घोटाले (Patra Chawl Scam) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की कार्रवाई लगातार जारी है. घोटाला करने वाले बिल्डर जेल पहुंच चुके हैं. बिल्डरों से संबध रखने वाले संजय राउत (Sanjay Raut) जैसे दिग्गज लोगों पर ईडी का शिकंजा कस चुका है लेकिन जो लोग रिडेवलपमेंट के लिये अपना घर देकर बेघर हो चुके हैं सालों से वो बेघर हैं. उन लोगों की सुध लेने वाल कोई नहीं है. 

Patra Chawl Land Scam in Hindi

Patra Chawl से बेघर होने वालों की लिस्ट बहुत बढ़ी है. इन्हीं में से एक है पार्वती शंकर कटकर. पार्वती अपने बेटों के साथ सालों से Patra Chawl में रह रही थी. साल 2007 में जब उनके चॉल के रिडेवलपमेंट का प्लान बना तो वो खुश ती की उनके बच्चों को नया घर मिलेगा लेकिन सालो बीत गये आज तक उनको घर नही मिला उनका परिवार उनके बच्चें किराये के घरों में रहने को मजबूर हैं.

किराये घर में रहने को मजबूर

Patra Chawl से बेघर सैकड़ो परिवार हैं जो आज किराए के घरों में रहने को मजबूर हैं. उनमें से कुछ जिंदा हैं और कुछ की मौत हो चुकी है. कभी Patra Chawl में रहने वाली शांताबाई सोनावणे का Patra Chawl की रोड नंबर 10 में इनका मकान था. रिडेवलेपमेंट के बदले नये घर का इनका सपना सालों से सपना ही हैं. जब भी उनके घर की बात होती है वो रोने लगती हैं.

सब्जी बेचकर अपने परिवार का पेट पालने वाली शांताबाई बताती हैं कि किन तकलीफों के साथ उन्होंने Patra Chawl में अपना घर बनाया था. जिसे नया घर देने के नाम पर तोड़ दिया गया और वो सालों से बेघर हैं. उनके बच्चें दरबदर हैं. किराये के घरों में रहने को मजबूर, बिल्डर ने दो-तीन साल तक किराया दिया लेकिन सालों से उन्हें बिल्डर की तरफ से किराया नही मिल रहा. बेघर होने के बाद किरायें के घरों में रहना उनके परिवार के लिये बेहद भारी पड़ रहा है.

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घर मिलने की उम्मीद है कायम

Patra Chawl के पास ही एक छोटी सी किराये की दुकान डालकर गुजरबसर करने वाले ये है प्रकाश सावंत. 60 सालों से ये Patra Chawl में रहते थे सालो पहले इन्हें भी नये घर मिलने की उम्मीद थी लेकिन Patra Chawl घोटाले ने इनके भी सपनो को चकनाचूर कर दिया किसी तरह से गुजरबसर कर रहे हैं और उम्मीद अभी कायम है कि घर मिलेगा .

पीड़ितों ने म्हाडा को ठहराया जिम्मेदार

Patra Chawl का प्रोजेक्ट जबसे घोटाले का शिकार हुआ और इसके आरोपियों पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसा तबसे Patra Chawl में रहने वाले उन करीब 670 रहिवासियों की मुश्किले बढ़ गयी जिन्हे यहां घर मिलने की उम्मीद थी. Patra Chawl के लोगों के मुताबिक उनके सालों से बेघर रहने का जिम्मेदार म्हाडा और उसके भ्रष्ट अधिकारी हैं. 47 एकड़ Patra Chawl की जमीन में से करीब 13 एकड़ जमीन को म्हाडा ने रहिवासियों के लिए आवंटित की थी.

Patra Chawl Land Scam in Hindi

जिसपर करीब 670 परिवारों को घर मिलने थे लेकिन म्हाडा और मौजूदा सोसाइटी के पदाधिकारियों ने उसमें घपला किया और सिर्फ साढ़े चार एकड़ जमीन पर रहिवासियों के लिए घर बनाने की शुरूआत की गयी. जो साल 2008 से आज तक अधूरे पड़े हैं. जबकि बाकी जो जमीन बिल्डरों को म्हाडा ने आवंटित की थी आज वहां बड़े-बड़े टॉवर खड़े हो गये हैं.

संजय राउत पर कसा शिकंजा

आपको बता दें कि Patra Chawl का मामला जब जांच एजेंसियों के दायरे आया और संजय राउत पर इसकी तलवार लटकी तो फरवरी महीने में एनसीप प्रमुख शरद पवार ने Patra Chawl के पास एक कार्यक्रम का आयोंजन किया और पीड़ितों से मुलाकात भी की. इसके बाद बंद पड़े प्रोजेक्ट पर MHADA ने कुछ काम की शुरूआत भी की, जिससे लोग नाखुश नजर आ रहे हैं.

Patra Chawl Land Scam in Hindi

आज Patra Chawl घोटाले का मामला यहां तक पहुंच चुका है कि शिवसेना के दिग्गज नेता, उद्ध ठाकरे के बेहद करीबी संजय राउत को भी इस मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल साल 2007 में गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन जो की HDIL की सिस्टर कम्पनी है उसे Patra Chawl को डिवेलप करने का काम MHADA के तरफ़ से दिया गया था. गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को वहां रहने वाले लोगों को 672 फ़्लैट बनाकर देने थे और क़रीबन 3000 फ़्लैट म्हाड़ाMHADA को बनाकर देने थे. यह लैंड 47 एक़ड का था जहां पर वहां रहने वाले और MHADA को घर बनाकर देने के बाद बाक़ी बची ज़मीन पर वो घर बनाकर खुद बेच सकते थे.

एक आरोपी पहले ही गिरफ्तार

आरोप है कि गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन ने वहां किसी भी तरह का विकास नही किया और ना ही MHADA को फ़्लैट दिए, बल्कि उसने पूरी जमीन और FSI 8 बिल्डर को 1,034 करोड़ रुपए में बेच दी. ED ने 1 फ़रवरी को इस मामले में ECIR दर्ज की और प्रवीण राउत और उसके साथी सुज़ित पाटकर के कुल 7 ठिकानो पर छापेमारी की. इसके बाद 2 फ़रवरी को प्रवीण राउत को गिरफ़्तार किया गया था.

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ईडी ऐसे पहुंची संजय राउत तक

प्रवीण राउत शिवसेना नेता संजय राउत के दोस्त माने जाते हैं प्रवीण राउत का नाम PMC SCAM में भी आया था जिसकी जांच चल रही है. जांच के दौरान पता चला की प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी के बैंक से संजय राउत की पत्नी वर्षा के बैंक खाते में 55 लाख रुपए भेजे गए जिसका इस्तेमाल राउत परिवार ने दादर में एक फ़्लैट लेने के लिए किया था. इस मामले में वर्षा और माधुरी का बयान भी दर्ज किया गया है. सुज़ित पाटकर और संजय राउत के बेटी एक वाइन ट्रेडिंग फ़र्म में पार्टनर हैं. पाटकर की पत्नी और संजय राउत की पत्नी ने अलीबाग़ में पार्टनरशिप में ज़मीन ख़रीदी हैं (अलीबाग़ का वो फ़्लैट भी ED के रडार पर है). ईडी की यही जांच संजय राउत के गिरेबान तक पहुंच गयी और उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया.

SOURCE : ABP LIVE

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